गत वर्ष हम सिक्किम गए थे। वहां पर हम दो लोगो को सोने के लिए जो टेंट दया गया था उसका साइज़ ९ फ़ुट X ७ फ़ुट से अधिक नहीं था। जब वापस आए और मुनमुन ने फोटो देखे तो उसकी भी इच्छा हुई की टेंट में सो कर देखे आख़िर कैसा लगता है. कुछ ही दिनों बाद दिल्ली में मुझे यह टेंट दिखाई दिया तो मैंने खरीद लिया। पुरी सर्दियों भर माहि और मुनमुन उसमे धामा चोकडी मचाते रहे। गर्मियों में कभी कभी जब बिजली न रही तब मैं भी इसमे सोया। लेकिन बरसात में इसमे सोने का तो एक अलग ही आनंद हे। न पानी का डर और न मच्छरों का। इस तरह के टेंट ज्यादा महंगे भी नहीं हे। कुल ३५००/ रूपये का मामला हे। टेंट लगाने में कुल ५-७ मिनट लगते हे और इसे एक छोटे से बैग में लपेट कर रखा जा सकता हे। सस्ती और आरामदायक आवासीय सुविधा का यह एक अच्छा विकल्प हे।
Monday, July 20, 2009
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1 comment:
ये तो बहुत शानदार टेंट है...सचमुच मज़ा आता होगा. अब तो मेरा भी मन हो रहा है कि कब इसे खरीदूं..
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