Wednesday, July 14, 2010

नामदाफा

मैं नामदाफा जाने के बहुत उत्साहित था और जाना भी चाहता था लेकिन मौसम और वहां के स्थानीय मौसम ने मुझे हतोत्साहित कर दिया और मुझे अंतिम समय में मेरा कार्यक्रम बदलना पडा। बड़ा अफ़सोस हुआ लेकिन इस तरह के कार्यक्रमों में मैं ज्यादा रिस्क नहीं उठाना चाहता। सितम्बर मैं पचमढ़ी जाने का विचार हे और उसी समय एक यात्रा चकराता की पुनः करना चाहूंगा।
बगीचे के लिए कुछ और पौधे चाहिए जिसके लिए जबलुर की एक यात्रा आवश्यक हे।
बरसात हाल फिलहाल तो गत वर्ष से अच्छी हे आगे की भगवान् जाने। कर्मचारियों ने फिर दुखी किया और उनकी वजह से फिर भोपाल की यात्रा स्थगित करनी पड़ी। तत्काल की टिकट के ७०० रूपये डूबे सो अलग।

2 comments:

वन्दना अवस्थी दुबे said...

सत्येन्द्र जी, ये नामदाफ़ा कहां है?

Bandhavgarh said...

Namdapha National Park in Arunachal Pradesh.