मैं नामदाफा जाने के बहुत उत्साहित था और जाना भी चाहता था लेकिन मौसम और वहां के स्थानीय मौसम ने मुझे हतोत्साहित कर दिया और मुझे अंतिम समय में मेरा कार्यक्रम बदलना पडा। बड़ा अफ़सोस हुआ लेकिन इस तरह के कार्यक्रमों में मैं ज्यादा रिस्क नहीं उठाना चाहता। सितम्बर मैं पचमढ़ी जाने का विचार हे और उसी समय एक यात्रा चकराता की पुनः करना चाहूंगा।
बगीचे के लिए कुछ और पौधे चाहिए जिसके लिए जबलुर की एक यात्रा आवश्यक हे।
बरसात हाल फिलहाल तो गत वर्ष से अच्छी हे आगे की भगवान् जाने। कर्मचारियों ने फिर दुखी किया और उनकी वजह से फिर भोपाल की यात्रा स्थगित करनी पड़ी। तत्काल की टिकट के ७०० रूपये डूबे सो अलग।
Wednesday, July 14, 2010
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2 comments:
सत्येन्द्र जी, ये नामदाफ़ा कहां है?
Namdapha National Park in Arunachal Pradesh.
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